रेखा गणित
हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी आकृतियां देखते हैं और उनकी की लम्बाई चैड़ाई क्षेत्रफल आयतन आदि के बारे में जानना चाहते हैं। इन्हीं सवालों के हल के लिए हम रेखा गणित का अध्ययन करते हैं। रेखागणित आकृतियों और उनकी विशेषताओं के बारे में गणित है।
बिंदु :-
बिन्दु का कोई आकार नहीं होता केवल स्थिति होती है।
रेखा :-
रेखा का किसी एक दिशा में विस्तार होता है।
समतल :-
समतल का विस्तार हमेशा दो दिशाओं में या अक्षों में होता है। इनकी केवल लम्बाई व चैड़ाई होती है। जैसे आयत,वर्ग,वृत्त आदि।
ठोस :-
वे सभी आकृतियों जिनका विस्तार तीनों अक्षों में होता है। अर्थात इसकी लम्बाई चैड़ाई व ऊंचाई भी होती है। जैसे गोला,शंकु आदि।
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परिधि :-
किसी आकृति के किनारों के चारों तरफ की दुरी परिधि कहलाती है।
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क्षेत्रफल :-
अगर साधारण भाषा में बात करें तो क्षेत्रफल किसी सतह का आकार है। या उस सतह द्वारा घेरा गया स्थान।
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किसी भी समतल सतह का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हम उसकी लम्बाई ज्ञात करते हैं। तथा यदि लम्बाई और चैड़ाई एक समान हो तो लम्बाई को चैड़ाई से गुणा करते हैं। लम्बाई या चैड़ाई का एक समान होने का मतलब है की किसी आकृति की लम्बाई या चैड़ाई बीच से या किनारों पर से कम या ज्यादा न हो।
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यदि हम यह जानना चाहें की क्षेत्रफल को ज्ञात करने के लिए लम्बाई को क्यों से गुना क्यों करते हैं तो एक उदाहरण लेते हैं इसमें एक आयत लेते हैं जिसकी लम्बाई 4 सेमी. है तथा चैड़ाई 3 सेमी. हैं अब इसका क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हम इसके 1-1 सेमी. के टुकड़े करते हैं जो कि 12 होंगे। यानि लम्बाई की दिशा में 4 तथा चैड़ाई की दिशा में 3 अब सभी टुकड़ों को जोड़ते हैं तो क्षेत्रफल होगा
तो क्षेत्रफल होगा 12 सेमी. जो की 4 और 3 का गुना हैं लम्बाई चैड़ाई में से एक को बढ़ा कर दुसरे को उतना ही कम कर दिया जाये तो क्षेत्रफल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह निचे चित्र में दर्शाया गया है।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि किसी भी वस्तु जिसकी लम्बाई तथा चैड़ाई एक समान हैं चाहे वह आयत हो या वर्ग या वृत लम्बाई तथा चैड़ाई को गुना कर उसका क्षेत्रफल ज्ञात किया जा सकता है।
वृत का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हमें एक राशि पाई π (pi)की आवश्यकता होती हैं तो सबसे पहले जान लेते हैं पाई है क्या ?
पाई π - 22/7 या 3.14159 एक संख्या हैं। वास्तव में पाई का मान 22/7 नहीं होता है। क्योंकी 3.14159..... एक अपरिमेय संख्या हैं जिसे किसी भी परिमेय संख्या यानि p/q के रूप में नहीं दर्शाया जा सकता। पाई यह मान आया है। वृत के व्यास और परिधि में एक अनुपात पाया जाता है जिसका मान पाई या 3.14159.. होता है। यह अनुपात परिधि को व्यास से भाग देने पर आता है।
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पाई दिवस 14 मार्च को मनाया जाता है। पाई का Symbol π है।
वृत का क्षेत्रफल भी लम्बाई गुना चैड़ाई से ज्ञात किया जा सकता है उदाहरण के लिए हम r त्रिज्या का एक वृत लेते हैं तथा इसे बिच से काट के चित्र के अनुसार फैला देते हैं जो कि दो त्रिभूजों के रूप में सामने आता है दोनों की लम्बाई 2πr जो कि वृत की परिधी हैं तथा ऊंचाई r जो की वृत की त्रिज्या हैं के रूप में दिखाई देता है अब दोनों त्रिभूजों को उलटा कर एक दुसरे के उपर रखने पर यह πr लम्बाई तथा r चैड़ाई का एक आयत बन जाता है जिसका क्षेत्रफल πr2 (लम्बाई*चैड़ाई)है। अतः वृत का क्षेत्रफल πr2 होता हैं
सभी आकृतियों वर्ग,आयत त्रिभूज चतुर्भूज आदि के क्षेत्रफल परिमाप आदि के बारे में हम अपने अगले Article में चर्चा करेंगे। साथ ही परिक्षा में आने वाले प्रश्न और उदाहरणों को भी हल करेंगे।
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क्षेत्रफल का परिमाप :-
वर्ग :-
वर्ग एक समतल आकृति है। जिसकी चार भूजाएं होती और चारों भूजाएं समान लम्बाई की होती है तथा चारों कोण समकोण यानी 900 के होते हैं। दो विकर्ण हो जिनकी लम्बाई बराबर होती है।
वर्ग की परिमाप = 4*भूजा (4 भूजाएं जिनकी लम्बाई बराबर)
क्षेत्रफल = (भूजा)2
क्षेत्रफल यदि विकर्ण दिया हो = (विकिर्ण)2/2
विकिर्ण यदि एक भूजा दि हो - भूजा*√2
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आयत :-
आयत भी वर्ग की तरह समतल आकृती है।तथा इसके भी सभी कोण 900 के होते हैं लेकिन चारों भूजाएं समान लम्बाई की नहीं होती बल्की आमने सामने कि भूजाएं समान लम्बाई की होती हैं
आयत का परिमाप = 2*(लम्बाई+चैड़ाई)
क्षेत्रफल = लम्बाई*चैड़ाई
विकिर्ण = √लम्बाई2 +चैड़ाई2
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त्रिभुज :-
त्रिभूज भी एक समतल आकृति है। जिसकी तीन भूजाएं होती है। तथा तिन कोण होते हैं।तीनों कोणों का योग 1800 होता है। त्रिभूज में जो कोण त्रिभूज से बाहर बनता है उसे बहिष्कोण कहते हैं तथा जो कोण त्रिभूज के अन्दर बनता है। उसे अतः कोण कहते हैं बहिष्कोण सामने वाले दोनों अतःकोणों क योग के बराबर होता है।वह त्रिभूज जिसमें एक कोण समकोण यानि 900 का हो तो इसे समकोण त्रिभूज कहते हैं। समकोण के सामने की भूजा कर्ण कहलाती है तथा जिस पर समकोण् होता है उसे आधार कहते हैतथा तिसरी भूजा जो समकोण पर है लम्ब कहलाती है।
इसका क्षेत्रफल = 1/2*( आ.*उ.) उंचाई = लम्ब
समकोण त्रिभूज की भूजाओं में एक सम्बंध पाया जाता है (pythagoras theorem)
कर्ण2 = आधार2 + लम्ब2
यदि त्रिभूज समकोण त्रिभूज न हो तथा तिनों भूजाए(a,b,c) दि गई हो तो क्षेत्रफल (हिरो का सुत्र ) = √s(s-a)(s-b)(s-c)
यहां s त्रिभुज का अर्ध परिमाप है s = (a+b+c)/2
वह त्रिभूज जिसमें सभी कोण बराबर हो तो इसकी सभी भूजाएं भी बराबर होगी। क्योंकि बराबर कोणों की सम्मूख भूजाएं बराबर होती है। ऐसा त्रिभूज समबाहू त्रिभूज कहलाता है। इसका प्रत्येक कोण 600 का होता है। इस प्रकार के त्रिभूज का क्षेत्रफल = √3/4*(भूजा)2
त्रिभूज की दो भूजाओं का योग तिसरी भूजा से सदैव बड़ा होता है।
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चतुर्भुज :-
एक समतल आकृति है। जिसकी चार भूजाएं होती है तथा चार कोण होते हैं तथा चारों कोणों का योग 3600 होता है। चतुर्भूज कई प्रकार के होते हैं जैसे
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समांतर चतुर्भुज :- ऐसे चतुर्भुज जिसमें आमने सामने की भूजाओं के युग्म समान्तर हो समान्तर चतुर्भूज कहलाते हैं।आयत एक समान्तर चतुर्भुज है लेकिन यह आवश्यक नहीं की प्रत्येक समान्तर चतुर्भुज एक आयत हो। इसका क्षेत्रफल - आधार*उंचाई
यदि किसी समान्तर चतुर्भूज की सभी भुजाएं बराबर हो तो इसे समचतुर्भुज कहते हैं इसका क्षेत्रफल - 1/2 *(विकिर्णों का गुणनफल)
समलम्ब चतुर्भुज - यदि किसी चतुर्भुज में केवल एक युग्म ही समान्तर हो तो इसे समलम्ब चतुभुर्ज कहते हैं।इसका क्षेत्रफल = 1/2*(समान्तर भूजाओं का योग)*(उनके बिच की दुरी)
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वृत्त :-
वृत्त एक समतल आकृति है जिसके सभी बिन्दु किसी निश्चित बिन्दु से समान दुरी पर स्थित होते हैं निश्चित बिन्दु को वृत्त का केन्द्र कहते हैं।
वृत्त की सबसे छोटी इकाई त्रिज्या मान सकते हैं
जो इसके केन्द्र से लेकर इसके किनारे तक कि लम्बाई है। व्यास वृत्त के एक किनारे से लेकर केन्द्र से गुजर कर दुसरे किनारे तक जाने वाली रेखा कि लम्बाई है। यानि व्यास त्रिज्या से दुगना होेता है।
यदि त्रिज्या को r माने तो व्यास 2r होगा।
वृत्त की परिधि = 2πr
क्षेत्रफल = πr2
अर्ध वृत्त का क्षेत्रफल = 1/2(πr2)
अर्ध वृत्त की परिधि =πr(2πr का आधा)+ 2r व्यास
चाप की लम्बाई = 2πr(Θ/360) नोट - 2πr कुल परिधि है। जिसमें से 3600 का कोण बनता है। जब कोण Θ बनता है तो वह कुल परिधि का Θ/360 प्रतिशत ही होगा|
चाप का क्षेत्रफल = कुल क्षेत्रफल*(Θ/360) या 1/2(चाप की लम्बाई *त्रिज्या )= 1/2(AB*r)
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यहा नीचे उदाहरण दिए गए हैं, जो आपको समझनें में कोई परेशानी ना हो। :-
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उदाहरण
एक वर्ग की एक भूजा की लम्बाई 40 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
वर्ग का क्षेत्रफल - भूजा2
-(40)2 - 1600 सेमी2
उदाहरण
एक वर्ग की प्रत्येक भूजा की लम्बाई में 10% वृद्धि करने पर क्षेत्रफल में कितने प्रतिशत की वृद्धि होगी -
माना पहले भूजा थी - 100 मी.
तो क्षे. (100)2 = 10,000 मी.2
10% वृद्धि के बाद भूजा 110 मी. तथा क्षे.= (110)2 = 12,100 मी.2
वृद्धि हुई - 12,100-10,000 - 2100 मी.2
माना 2100 मी.2 10,000 मी.2 का x प्रतिशत है अतः
10,000*x/100 = 2100
x=(2100*100)/10000 = 21%
उदाहरण
एक आयत की लम्बाई 10 सेमी और चैड़ाई 15 सेमी है क्षेत्रफल होगा -
आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई*चैड़ाई
= 10*15 = 150 सेमी
उदाहरण
एक आयत की लम्बाई 5 सेमी तथा एक विकिर्ण कि लम्बाई 13 सेमी है आयत का क्षेत्रफल होगा -
हमें आयत की एक भुजा 5 सेमी व विकिर्ण 13 दिया है अतः दुसरी भुजा ज्ञात करनी है इसके लिए हम जानते हैं कि
विकिर्ण आयत को दो समकोण त्रिभुजों में बांटता है और समकोण त्रिभुज की भुजाओं में एक सम्बन्ध पाया जाता है।
कर्ण2 = आधार2 + लम्ब2
लम्ब2 = कर्ण2 - आधार2
लम्ब2= 132 - 52
लम्ब2= 169-25 = 144
लम्ब =12
अतः आयत का क्षेत्रफल - 12*5 = 60 सेमी2
उदाहरण
एक बैडमिनटन का कोर्ट जिसकी लम्बाई 30 मी. तथा चैड़ाई 20 मी. है। में लकड़ी के 3*2 मी के टुकड़े लगवाने है। एक टुकड़े का मुल्य 120 रू है तो पुरे कोर्ट में लकड़ी लगवाने में कितना खर्चा होगा -
कोर्ट का क्षेत्रफल = 30*20 = 600 मी.2
टुकड़े का क्षेत्रफल - 3*2 - 6 मी.2
600 मी. में 6 मी. के टुकड़े लगेंगे - 600/6 = 100
एक टुकड़े का मुल्य 120 रू तो 100 टुकड़ों का मुल्य 120*100 = 12,000 रू
उदाहरण
100 मी. लम्बे व 50 मी. चौड़े पार्क में अन्दर की तरफ टहलने के लिए 3 मी. चौड़ी सड़क बनवाने में कितना खर्चा आयेगा यदि खर्चा 50 रू. प्रति वर्ग मी. हो -
पार्क का क्षेत्रफल =100*50 = 5000मी.
पार्क के अन्दर का क्षेत्रफल सड़क को छोड़कर
लम्बाई दोनों तरफ 3-3मी. कम हो गई अतः अब लम्बाई = 100-6 = 94 मी.
चैड़ाई भी दोनों तरफ से 3-3मी. कम हो गई अतः अब चैड़ाई = 50-6 = 44 मी.
अतः अन्दर का क्षेत्रफल 94*44 = 4136 मी2
शेष क्षेत्रफल यानी सड़क का क्षेत्रफल = 5000-4136 = 864 मी.2
1 वर्ग मी. का खर्चा 50 रू अतः 864 का खर्चा - 864*50 = 43,200 रू.
उदाहरण
एक समकोण त्रिभुज का आधार 10 सेमी. उंचाई 13 सेमी. है त्रिभुज का क्षेत्रफल -
त्रिभुज का क्षेत्रफल - 1/2(आधार*उंचाई)
= (13*10)/2 =130/2 = 65 सेमी.2
उदाहरण
एक त्रिभुज की तीन भुजाएं 8,10,6 हैं त्रिभुज का क्षेत्रफल -
हमें यह नहीं पता की यह समकोण त्रिभुज है या नहीं अतः हम इसका क्षेत्रफल हिरो के सुत्र से ज्ञात करेंगे -
सबसे पहले अर्ध परिमाप s ज्ञात करेंगे = (8+10+6)/2 = 12
हिरो का सुत्र - √s(s-a)(s-b)(s-c)
= √12(12-6)(12-8)(12-10)
= √12(6)(4)(2)
= √576
A = 24
उदाहरण
एक समकोण त्रिभुज में कर्ण 5 सेमी. व लम्ब 3 सेमी हैं त्रिभुज का क्षेत्रफल होगा -
तिसरी भुजा निकालने के लिए
कर्ण2 = आधार2 + लम्ब2
आधार2 = कर्ण2 - लम्ब2
= 52 - 32
= 25-9
आधार2 = 16
आधार = 4
त्रिभुज का क्षेत्रफल - 1/2(3*4) = 6
.
उदाहरण
एक समबाहु त्रिभुज की एक भुजा 6 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
समबाहु त्रिभुज की सभी भुजाएं समान होती है अतः क्षेत्रफल - √3/4*(भूजा)2
= √3/4*(6)2
= √3/4*36 = √39
उदाहरण
एक समकोण त्रिभुज में आधार व उंचाई में अनुपात 3:4 है। इसका क्षेत्रफल 96 सेमी है। इसका कर्ण होगा -
माना इसका आधार 3x व उंचाई 4x है तो क्षेत्रफल - 1//2*(3x*4x) = 96
= 12/2*x2 = 96
x2 = 96/6
x2 = 16
x = 4
आधार = 3*4 =12
उंचाई = 4*4 = 16
कर्ण2 = 122 + 16 2
कर्ण2 = 144 + 256
कर्ण2 = 400
कर्ण = 20
उदाहरण
एक समान्तर चतुर्भुज लम्बाई 4 सेमी. व चैड़ाई. 7 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
समान्तर चतुभुर्ज का क्षेत्रफल = आधार*उंचाई
= 4*7 = 28
उदाहरण - एक समचतुर्भुज के विकिर्णों की लम्बाई क्र. 20 सेमी. व 10 सेमी. है इसका क्षेत्रफल -
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 विकिर्णों का गुणनफल
विकिर्ण -20,10
क्षेत्रफल - 1/2(20*10) = 100
उदाहरण
एक समचतुर्भुज के विकर्णो की लम्बाई 24 सेमी. व 10 सेमी. है। इसका परिमाप होगा -
समचतुर्भुज के विकिर्ण एक दुसरे का समद्विविभाजित करते हैं अतः
त्रिभुज AOD
आधार -5 लम्ब - 12
कर्ण2 = 25 + 144
कर्ण2 = 169
कर्ण = 13
अतः समचतुर्भुज की एक भुजा 13 सेमी है तो परिमाप - 4* भुजा = 4*13 = 52
उदाहरण
एक वृत्त की परिधि 88 सेमी. तो त्रिज्या होगी -
परिधि = 2πr π=22/7
2πr = 88
2*22/7*r = 88
r= (88*7)/2*22
r=14
उदाहरण
एक पहिया 880 मी. दुरी तय करने में 10 चक्र लगाता है तो पहिये कि त्रिज्या क्या होगी -
एक चक्र पुरा करने में तय दुरी - 880/10 = 88 मी. यानि पहिये कि परिधि - 88 मी. है।
2πr = 88
r = 14
उदाहरण
बस के एक पहिये कि त्रिज्या 140 सेमी. इसे 60 किमी./घण्टा की गति के लिए प्रति मिनट कितने चक्र लगाने होंगे -
सबसे पहले बस की चाल मिटर/मिनट में बदलने पर = 60*1000/60 = 1000 मी./मिनट
पहिये कि परिधि = 2πr =2*22/7*140 = 88/10
एक चक्र में तय दुरी 88/10 मी. तो 1000 मी. दुरी तय करने में चक्रलगाने होंगे माना x
(88*x)/10 = 1000
x = (1000*10)/88 = 113.63 चक्र