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सोमवार, 21 दिसंबर 2015

रेखा गणित सीखिये

                             रेखा गणित

                                            


हम अपने दैनिक जीवन में बहुत सारी आकृतियां देखते हैं और उनकी की लम्बाई चैड़ाई क्षेत्रफल आयतन आदि के बारे में जानना चाहते हैं। इन्हीं सवालों के हल के लिए हम रेखा गणित का अध्ययन करते हैं। रेखागणित आकृतियों और उनकी विशेषताओं के बारे में गणित है।


बिंदु :-
 बिन्दु का कोई आकार नहीं होता केवल स्थिति होती है।

रेखा :-
 रेखा का किसी एक दिशा में विस्तार होता है।

समतल :-
समतल का विस्तार हमेशा दो दिशाओं में या अक्षों में होता है। इनकी केवल लम्बाई व चैड़ाई होती है। जैसे आयत,वर्ग,वृत्त आदि।

ठोस :-
वे सभी आकृतियों जिनका विस्तार तीनों अक्षों में होता है। अर्थात इसकी लम्बाई चैड़ाई व ऊंचाई भी होती है। जैसे गोला,शंकु आदि।

        
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परिधि :-
 किसी आकृति के किनारों के चारों तरफ की दुरी परिधि कहलाती है।

       
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क्षेत्रफल :-
अगर साधारण भाषा में बात करें तो क्षेत्रफल किसी सतह का आकार है। या उस सतह द्वारा घेरा गया स्थान।


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किसी भी समतल सतह का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हम उसकी लम्बाई ज्ञात करते हैं। तथा यदि लम्बाई और चैड़ाई एक समान हो तो लम्बाई को चैड़ाई से गुणा करते हैं। लम्बाई या चैड़ाई का एक समान होने का मतलब है की किसी आकृति की लम्बाई या चैड़ाई बीच से या किनारों पर से कम या ज्यादा न हो।

     
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यदि हम यह जानना चाहें की क्षेत्रफल को ज्ञात करने के लिए  लम्बाई को क्यों से गुना क्यों करते हैं तो एक उदाहरण लेते हैं इसमें एक आयत लेते हैं जिसकी लम्बाई 4 सेमी. है तथा चैड़ाई 3 सेमी. हैं अब इसका क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हम इसके 1-1 सेमी. के टुकड़े करते हैं जो कि 12 होंगे। यानि लम्बाई की दिशा में 4 तथा चैड़ाई की दिशा में 3 अब सभी टुकड़ों को जोड़ते हैं तो क्षेत्रफल होगा 
तो क्षेत्रफल होगा 12 सेमी. जो की 4 और 3 का गुना हैं लम्बाई चैड़ाई में से एक को बढ़ा कर दुसरे को उतना ही कम कर दिया जाये तो क्षेत्रफल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह निचे चित्र में दर्शाया गया है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि किसी भी वस्तु जिसकी लम्बाई तथा चैड़ाई एक समान हैं चाहे वह आयत हो या वर्ग या वृत लम्बाई तथा चैड़ाई को गुना कर उसका क्षेत्रफल ज्ञात किया जा सकता है।
वृत  का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए हमें एक राशि पाई  π (pi)की आवश्यकता होती हैं तो सबसे पहले जान लेते हैं पाई है क्या ?
पाई π - 22/7 या 3.14159 एक संख्या हैं। वास्तव में पाई का मान 22/7 नहीं होता है। क्योंकी 3.14159..... एक अपरिमेय संख्या हैं जिसे किसी भी परिमेय संख्या यानि p/q के रूप में नहीं दर्शाया जा सकता। पाई यह मान आया है। वृत के व्यास और परिधि में एक अनुपात पाया जाता है जिसका मान पाई या 3.14159.. होता है। यह अनुपात परिधि को व्यास से भाग देने पर आता है।

                 
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पाई दिवस 14 मार्च को मनाया जाता है। पाई का Symbol  π  है।
वृत का क्षेत्रफल भी लम्बाई गुना चैड़ाई से ज्ञात किया जा सकता है उदाहरण के लिए हम r त्रिज्या का एक वृत लेते हैं तथा इसे बिच से काट के चित्र के अनुसार फैला देते हैं जो कि दो त्रिभूजों के रूप में सामने आता है दोनों की लम्बाई 2πr जो कि वृत की परिधी हैं तथा ऊंचाई r जो की वृत की त्रिज्या हैं के रूप में दिखाई देता है अब दोनों त्रिभूजों को उलटा कर एक दुसरे के उपर रखने पर यह  πr लम्बाई तथा r चैड़ाई का एक आयत बन जाता है जिसका क्षेत्रफल  πr2 (लम्बाई*चैड़ाई)है। अतः वृत का क्षेत्रफल πr2  होता हैं


सभी आकृतियों वर्ग,आयत त्रिभूज चतुर्भूज आदि के क्षेत्रफल परिमाप आदि के बारे में हम अपने अगले Article में चर्चा करेंगे। साथ ही परिक्षा में आने वाले प्रश्न और उदाहरणों को भी हल करेंगे। 

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                   क्षेत्रफल का परिमाप :- 

वर्ग :-
 वर्ग एक समतल आकृति है। जिसकी चार भूजाएं होती और चारों भूजाएं समान लम्बाई की होती है तथा चारों कोण समकोण यानी 900 के होते हैं। दो विकर्ण हो जिनकी लम्बाई बराबर होती है।

    



वर्ग की परिमाप = 4*भूजा           (4 भूजाएं जिनकी लम्बाई बराबर)
क्षेत्रफल = (भूजा)2
क्षेत्रफल यदि विकर्ण दिया हो = (विकिर्ण)2/2
विकिर्ण यदि एक भूजा दि हो - भूजा*√2

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आयत :- 
 आयत भी वर्ग की तरह समतल आकृती है।तथा इसके भी सभी कोण 900 के होते हैं लेकिन चारों भूजाएं समान लम्बाई की नहीं होती बल्की आमने सामने कि भूजाएं समान लम्बाई की होती हैं




आयत का परिमाप = 2*(लम्बाई+चैड़ाई)
क्षेत्रफल = लम्बाई*चैड़ाई
विकिर्ण = √लम्बाई2 +चैड़ाई2 

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त्रिभुज :- 
त्रिभूज भी एक समतल आकृति है। जिसकी तीन भूजाएं होती है। तथा तिन कोण होते हैं।तीनों कोणों का योग 1800 होता है। त्रिभूज में जो कोण त्रिभूज से बाहर बनता है उसे बहिष्कोण कहते हैं तथा जो कोण त्रिभूज के अन्दर बनता है। उसे अतः कोण कहते हैं बहिष्कोण सामने वाले दोनों अतःकोणों क योग के बराबर होता है।वह त्रिभूज जिसमें एक कोण समकोण यानि 900 का हो तो इसे समकोण त्रिभूज कहते हैं। समकोण के सामने की भूजा कर्ण कहलाती है तथा जिस पर समकोण् होता है उसे आधार कहते हैतथा तिसरी भूजा जो समकोण पर है लम्ब कहलाती है।




इसका क्षेत्रफल = 1/2*( आ.*उ.)                  उंचाई = लम्ब
समकोण त्रिभूज की भूजाओं में एक सम्बंध पाया जाता है (pythagoras theorem)
कर्ण2 = आधार2 +  लम्ब2
यदि त्रिभूज समकोण त्रिभूज न हो तथा तिनों भूजाए(a,b,c) दि गई हो तो क्षेत्रफल (हिरो का सुत्र ) = √s(s-a)(s-b)(s-c)
यहां s त्रिभुज का अर्ध परिमाप है s = (a+b+c)/2
वह त्रिभूज जिसमें सभी कोण बराबर हो तो इसकी सभी भूजाएं भी बराबर होगी। क्योंकि बराबर कोणों की सम्मूख भूजाएं बराबर होती है।  ऐसा त्रिभूज समबाहू त्रिभूज कहलाता है। इसका प्रत्येक कोण 600 का होता है। इस प्रकार के त्रिभूज का क्षेत्रफल = √3/4*(भूजा)2
त्रिभूज की दो भूजाओं का योग तिसरी भूजा से सदैव बड़ा होता है।

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चतुर्भुज :-
 एक समतल आकृति है। जिसकी चार भूजाएं होती है तथा चार कोण होते हैं तथा चारों कोणों का योग 3600 होता है। चतुर्भूज कई प्रकार के होते हैं जैसे

         

   
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समांतर चतुर्भुज :- ऐसे चतुर्भुज जिसमें आमने सामने की भूजाओं के युग्म समान्तर हो समान्तर चतुर्भूज कहलाते हैं।आयत एक समान्तर चतुर्भुज है लेकिन यह आवश्यक नहीं की प्रत्येक समान्तर चतुर्भुज एक आयत हो। इसका क्षेत्रफल - आधार*उंचाई
यदि किसी समान्तर चतुर्भूज की सभी भुजाएं बराबर हो तो इसे समचतुर्भुज कहते हैं इसका क्षेत्रफल - 1/2 *(विकिर्णों का गुणनफल)
समलम्ब चतुर्भुज - यदि किसी चतुर्भुज में केवल एक युग्म ही समान्तर हो तो इसे समलम्ब चतुभुर्ज कहते हैं।इसका क्षेत्रफल = 1/2*(समान्तर भूजाओं का योग)*(उनके बिच की दुरी)

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वृत्त :-
 वृत्त एक समतल आकृति है जिसके सभी बिन्दु किसी निश्चित बिन्दु से समान दुरी पर स्थित होते हैं निश्चित बिन्दु को वृत्त का केन्द्र कहते हैं। 
वृत्त की सबसे छोटी इकाई त्रिज्या मान सकते हैं 

जो इसके केन्द्र से लेकर इसके किनारे तक कि लम्बाई है। व्यास वृत्त के एक किनारे से लेकर केन्द्र से गुजर कर दुसरे किनारे तक जाने वाली रेखा कि लम्बाई है। यानि व्यास त्रिज्या से दुगना होेता है। 
यदि त्रिज्या को r माने तो व्यास 2r  होगा।


वृत्त की परिधि = 2πr
क्षेत्रफल = πr2
अर्ध वृत्त का क्षेत्रफल = 1/2(πr2)
अर्ध वृत्त की परिधि =πr(2πr  का आधा)+ 2r व्यास     
चाप की लम्बाई  = 2πr(Θ/360)    नोट - 2πr कुल परिधि है। जिसमें से 3600 का कोण बनता है। जब कोण Θ बनता है तो वह कुल परिधि का Θ/360 प्रतिशत ही होगा|
चाप का क्षेत्रफल = कुल क्षेत्रफल*(Θ/360)  या 1/2(चाप की लम्बाई *त्रिज्या  )= 1/2(AB*r)


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 यहा नीचे उदाहरण दिए गए हैं, जो आपको समझनें में कोई परेशानी ना हो। :-
    ॥
 उदाहरण 

एक वर्ग की एक भूजा की लम्बाई 40 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
वर्ग का क्षेत्रफल - भूजा2
  -(40)2 - 1600 सेमी2


 उदाहरण 

 एक वर्ग की प्रत्येक भूजा की लम्बाई में 10% वृद्धि करने पर क्षेत्रफल में कितने प्रतिशत की वृद्धि होगी -
माना पहले भूजा थी - 100 मी.
तो क्षे. (100)2 = 10,000 मी.2
10% वृद्धि के बाद भूजा 110 मी. तथा क्षे.= (110)2 = 12,100 मी.2
वृद्धि हुई - 12,100-10,000 - 2100 मी.2
माना 2100 मी.2 10,000 मी.2 का x प्रतिशत है अतः
10,000*x/100 = 2100
x=(2100*100)/10000 = 21%

उदाहरण 

एक आयत की लम्बाई 10 सेमी और चैड़ाई 15 सेमी है क्षेत्रफल होगा -
 आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई*चैड़ाई
= 10*15 = 150 सेमी


 उदाहरण 

 एक आयत की लम्बाई 5 सेमी तथा एक विकिर्ण कि लम्बाई 13 सेमी है आयत का क्षेत्रफल होगा -
हमें आयत की एक भुजा 5 सेमी व विकिर्ण 13 दिया है अतः दुसरी भुजा ज्ञात करनी है इसके लिए हम जानते हैं कि 

विकिर्ण आयत को दो समकोण त्रिभुजों में बांटता है और समकोण त्रिभुज की भुजाओं में एक सम्बन्ध पाया जाता है।
कर्ण2 = आधार2 +  लम्ब2
लम्ब2 = कर्ण2 - आधार2 
लम्ब2= 132 - 52
लम्ब2= 169-25 = 144
लम्ब =12
अतः आयत का क्षेत्रफल - 12*5 = 60 सेमी2


 उदाहरण 

 एक बैडमिनटन का कोर्ट जिसकी लम्बाई 30 मी. तथा चैड़ाई 20 मी. है। में लकड़ी के 3*2 मी के टुकड़े लगवाने है। एक टुकड़े का मुल्य 120 रू है तो पुरे कोर्ट में लकड़ी लगवाने में कितना खर्चा होगा -
कोर्ट का क्षेत्रफल = 30*20 = 600 मी.2
टुकड़े का क्षेत्रफल - 3*2 - 6 मी.2
600 मी. में 6 मी. के टुकड़े लगेंगे - 600/6 = 100
एक टुकड़े का मुल्य 120 रू तो 100 टुकड़ों का मुल्य 120*100 = 12,000 रू


 उदाहरण 

 100 मी. लम्बे व 50 मी. चौड़े पार्क में अन्दर की तरफ टहलने के लिए 3 मी. चौड़ी सड़क बनवाने में कितना खर्चा आयेगा यदि खर्चा 50 रू. प्रति वर्ग मी. हो -
पार्क का क्षेत्रफल =100*50 = 5000मी.
पार्क के अन्दर का क्षेत्रफल सड़क को छोड़कर 

लम्बाई दोनों तरफ 3-3मी. कम हो गई अतः अब लम्बाई = 100-6 = 94 मी.
चैड़ाई भी दोनों तरफ से 3-3मी. कम हो गई अतः अब चैड़ाई = 50-6 = 44 मी.
अतः अन्दर का क्षेत्रफल 94*44 = 4136 मी2
शेष क्षेत्रफल यानी सड़क का क्षेत्रफल = 5000-4136 = 864 मी.2
1 वर्ग मी. का खर्चा 50 रू अतः 864 का खर्चा - 864*50 = 43,200 रू.


                  


उदाहरण 

 एक समकोण त्रिभुज का आधार 10 सेमी. उंचाई 13 सेमी. है त्रिभुज का क्षेत्रफल -
त्रिभुज का क्षेत्रफल - 1/2(आधार*उंचाई)
 = (13*10)/2 =130/2 = 65 सेमी.2


 उदाहरण 

 एक त्रिभुज की तीन भुजाएं 8,10,6 हैं त्रिभुज का क्षेत्रफल -
हमें यह नहीं पता की यह समकोण त्रिभुज है या नहीं अतः हम इसका क्षेत्रफल हिरो के सुत्र से ज्ञात करेंगे -
सबसे पहले अर्ध परिमाप s  ज्ञात करेंगे = (8+10+6)/2 = 12
हिरो का सुत्र -  √s(s-a)(s-b)(s-c)
= √12(12-6)(12-8)(12-10)
= √12(6)(4)(2)
=  √576
A = 24


 उदाहरण 

एक समकोण त्रिभुज में कर्ण 5 सेमी. व लम्ब 3 सेमी हैं त्रिभुज का क्षेत्रफल होगा -
तिसरी भुजा निकालने के लिए 
कर्ण2 = आधार2 +  लम्ब2
आधार2 = कर्ण2 - लम्ब2
= 52 - 32
= 25-9
आधार2 = 16
आधार = 4
त्रिभुज का क्षेत्रफल - 1/2(3*4) = 6 
.



 उदाहरण 

एक समबाहु त्रिभुज की एक भुजा 6 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
समबाहु त्रिभुज की सभी भुजाएं समान होती है अतः क्षेत्रफल -  √3/4*(भूजा)2
 = √3/4*(6)2
= √3/4*36 = √39 


 उदाहरण 

 एक समकोण त्रिभुज में आधार व उंचाई में अनुपात 3:4 है। इसका क्षेत्रफल 96 सेमी है। इसका कर्ण होगा -
माना इसका आधार 3x व उंचाई 4x है तो क्षेत्रफल -  1//2*(3x*4x) = 96
= 12/2*x2 = 96
x2 = 96/6
x2 = 16 
x = 4
आधार = 3*4 =12
उंचाई  = 4*4 = 16
कर्ण2 = 122 + 16 2
कर्ण2 = 144 + 256
कर्ण2 = 400
कर्ण = 20

उदाहरण 

 एक समान्तर चतुर्भुज लम्बाई 4 सेमी. व चैड़ाई. 7 सेमी. है इसका क्षेत्रफल होगा -
समान्तर चतुभुर्ज का क्षेत्रफल =  आधार*उंचाई
= 4*7 = 28
उदाहरण - एक समचतुर्भुज के विकिर्णों की लम्बाई क्र. 20 सेमी. व 10 सेमी. है इसका क्षेत्रफल -
समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 विकिर्णों का गुणनफल 
विकिर्ण -20,10 
क्षेत्रफल - 1/2(20*10) = 100



 उदाहरण 

एक समचतुर्भुज के विकर्णो की लम्बाई 24 सेमी. व 10 सेमी. है। इसका परिमाप होगा -

समचतुर्भुज के विकिर्ण एक दुसरे का समद्विविभाजित करते हैं अतः 
त्रिभुज AOD
आधार -5 लम्ब - 12
कर्ण2 = 25 + 144
कर्ण2 = 169
कर्ण = 13 
अतः समचतुर्भुज की एक भुजा 13 सेमी है तो परिमाप - 4* भुजा =  4*13 = 52

           
      
 उदाहरण 

एक वृत्त की परिधि 88 सेमी. तो त्रिज्या होगी -
परिधि = 2πr               π=22/7
2πr = 88
2*22/7*r = 88
r= (88*7)/2*22
r=14

उदाहरण 

 एक पहिया 880 मी. दुरी तय करने में 10 चक्र लगाता है तो पहिये कि त्रिज्या क्या होगी -
एक चक्र पुरा करने में तय दुरी - 880/10 = 88 मी. यानि पहिये कि परिधि - 88 मी. है।
2πr = 88
r = 14



 उदाहरण 

 बस के एक पहिये कि त्रिज्या 140 सेमी. इसे 60 किमी./घण्टा की गति के लिए प्रति मिनट कितने चक्र लगाने होंगे -
सबसे पहले बस की चाल मिटर/मिनट में बदलने पर = 60*1000/60 = 1000 मी./मिनट
पहिये कि परिधि = 2πr =2*22/7*140 = 88/10
एक चक्र में तय दुरी 88/10 मी. तो 1000 मी. दुरी तय करने में चक्रलगाने होंगे माना x
(88*x)/10 = 1000
x = (1000*10)/88 = 113.63 चक्र 

शनिवार, 19 दिसंबर 2015

फोटोशॉप सीखें


             एडोबे फोटोशॉप            
 (पासपोर्ट साइज फोटो बनाना सीखें रविन्द्र पटेल से )



आज की पोस्ट के द्वारा मैं 2 टूल का इस्तेमाल करनाकरना बताऊंगा  और साथ ही साथ यह भी बताऊंगा की किस तरह से हम फोटोशॉप में पासपोर्ट साइज का फोटो बनाएं। 


पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो का इस्तेमाल किसी ना किसी रूप में होता रहता है फ़ोटो स्टूडियो से पासपोर्ट फ़ोटो खिचवाने में बहुत महंगा पड़ता है अगर आपको फोटोशॉप में पासपोर्ट फ़ोटो बनाना आ जाता है तो आप किसी भी लेब में जाकर उसका प्रिंट आउट मात्र 5 रूपये में ले सकते है जो मैं आपको पासपोर्ट साइज़ का फ़ोटो बनाना बता रहा हु वो 4x6 के साइज़ पर बता रहा हु 4x6 के फ़ोटो साइज़ का रेट हर लेब पर 5 रूपये है आपको 5 रूपये में 8 पासपोर्ट साइज़ की फ़ोटो मिल जायेगी जो कि मेरे हिसाब से किसी भी फ़ोटो स्टूडियो में खिचवाने पर सस्ती पड़ती है


अब शुरुआत करते है फोटोशॉप की पासपोर्ट फ़ोटो बनाने के लिए अपने फोटोशॉप को ओपन करे

     
                      
 

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2015

बट्टा (Discount) निकालना सिखें


   
                 बट्टा (discount) निकालना सीखें


              
बट्टे का सामान्य अर्थ हैं ' किसी वस्तु के मूल्य में कटौती ' बट्टा हमेशा वस्तु के अंकित मूल्य पर दिया जाता हैं। बट्टा ग्राहकों को आकर्षित करने व भुगतान तुरंत पाने में सहायक होता हैं। 

बट्टे की दर = कुल कटौती × 100/अंकित मूल्य

उदाहरण :- यदि किसी वस्तु का अंकित मूल्य 100 ₹ हैं और और वह 70 ₹ में बेचीं जायें तो यहा बट्टे की दर 30% होंगीं। 
हल :-सूत्र से - कुल कटौती ×100/अंकित मूल्य
        कुल कटौती =  100 - 70 =30
  30×100/100 = 30%
अर्थात् 100 का 70% less या 100 पर 30% बट्टा।  

                                 Type (1)
यदि हमे अंकित मूल्य दिया हुआ हैं और विक्रय मूल्य ज्ञात करना हो, तो -- सूत्र :-  अंकित मूल्य × 100 - बट्टा%/100

उदाहरण :- एक जिन्स का अंकित मूल्य 700 ₹ हैं, दुकानदार उस पर 10% बट्टा देता हैं, तो जिन्स का विक्रय मूल्य ज्ञात करो ?
हल विधि :- 10% बट्टा अर्थात् वस्तु का 90%
         700×100-10/100
700×90/100 =630 ₹  होगा।  

                                  Type (2)
यदि हमें अंकित मूल्य दिया हो और क्रय मूल्य ज्ञात करना हो, तो---
सूत्र :-   =  अंकित मूल्य × 100-बट्टा%/100+लाभ%

उदाहरण (1) :- एक मोबाइल का अंकित मूल्य 1200 ₹ हैं, यदि विक्रेता 20% बट्टा देने के बाद भी 20% लाभ प्राप्त कर रहा हो, तो क्रय मूल्य बताओ ?
हल विधि :-  1200 × 100-20/100+20
                    =   1200 × 80/120 
                    =    9600/12   =  800 ₹ होगा।  


 उदाहरण (2) :- एक दवाई विक्रेता 10% छुट पर दवाईयाँ बेचता हैं, यदि उसे 8% का लाभ प्राप्त होता हैं, तो दवाईयाँ का क्रय मूल्य बताइए, जिसका अंकित मूल्य 80 ₹ हो।  
  हल विधि :- 80 × 100-10/100+8
                    =  80 × 90/108
                    =   7200/108     =    66.66 ₹ होगा। 

                                  Type (3)

यदि हमें विक्रय मूल्य दिया हैं और अंकित मूल्य ज्ञात करना हो, तो ---
सूत्र :-  विक्रय मूल्य × 100/100+बट्टा%

उदाहरण :-  एक अलमारी का विक्रय मूल्य 1440 ₹ हैं, जो अंकित मूल्य पर 20% , 10%  के क्रमिक छुट पर पर मिलता हैं, तो अलमारी का अंकित मूल्य बताओ ?
हल विधि :- वि.मू. = 1440 ₹
                   क्रमिक बट्टा = 20% और 10%
        सूत्र से :-    1440 × 100/80 × 100/90  =2000 ₹

( यहाँ क्रमिक बट्टा दिया हुआ हैं, इसलिए हमनें दो बार प्रतिशत का उपयोग किया हैं )

                                  Type (4)
मूल्य बढ़ाकर, छूट देने के बाद लाभ/हानि % ज्ञात करना। ---

सूत्र :-  बढ़ाया हुआ % - बट्टा % - दोनों का गुणन / 100
                                  या
             % प्रभाव   =   +-x+-y+-x×y/100


Note :- जब किसी एक वस्तु पर दो बार प्रतिशत काम में लिया हो अर्थात् उस पर कमी / वृद्धि करने के बाद दुबारा कमी / वृद्धि करे। 

उदाहरण :- एक दुकानदार 25% की छूट देकर 20% का लाभ कमाता हैं, तो वस्तु का अंकित मूल्य क्रय मूल्य से कितने % अधिक होगा ?
 हल विधि :- 20 - 25 - 20×25/100    = -10% की हानि होंगी।  

ऊपर दिए मान धनात्मक आने पर लाभ और ऋणात्मक आने पर हानि होगी।  

महत्वपूर्ण बात :- हमेशा अधिकत मान %, छूट से ज्यादा होने पर लाभ होगा अन्यथा हानि होगी।  


                                   Type (5)
Note :- यदि हमें छूट व  लाभ / हानि देकर किन्हीं दो मूल्यों में प्रतिशत अंतर पूछा जाये, तो ---
सूत्र :-  100 × लाभ% + छूट/100 - छूट 

उदाहरण :-  एक दुकानदार 25% की छूट देकर 20% का लाभ कमाता हैं, तो वस्तु का अंकित मूल्य क्रय मूल्य से कितने % अधिक होगा ?
हल विधि :- 100 × 20 + 25/100 - 25 
                     = 45×100/75   =  60% होगा।  




                                 Type (6)
Note :- यदि हमे किसी वस्तु के मूल्य पर छूट देने के बाद भी दुबारा छूट देकर समतुल्य बट्टा पूछा जाये, तो ------

ध्यान दें :- हम जानते हैं कि, छूट का अर्थ कमी से होता हैं। 

चूँकि हम ऋणात्मक मान को बट्टा ही कहेंगे। 

Trick :-  100-100×(100-x/100)(100-z/100)
             

उदाहरण :- एक अलमारी 20% बट्टा देने के बाद भी 10% बट्टा और दिया गया, तो बताओ उसने अंकित मूल्य पर कितना (समतुल्य) बट्टा दिया।
 हल विधि :- 100-100×(100-20/100)(100-10/10)


                   100-100×80/100×90/100
                   100- 8×9
                   100-72   =  28% होगा।   

गूगल ट्रिक्स रविन्द्र पटेल की ओर से


                 Trick :- गूगल में सर्च करने की बेस्ट ट्रिक


                     
             






 इसमें आपके लिए गूगल के कुछ टिप्स दे रहा हूँ जिससे आपको गूगल सर्च में बेहतरीन परिणाम मिल सकते हैं.

1.अगर आप गूगल में कोई शब्द सर्च करना चाहते हैं और आप चाहते हैं की गूगल वो शब्द किसी विशेष साईट में से ही सर्च करे तो इसके लिए आपको सर्च बॉक्स में यूँ लिखना होगा,उदाहरण के तौर पर आपको bollywood शब्द सर्च करना है और सिर्फ yahoo.com में सर्च करना है तो आप यूँ लिखेंगे- bollywood site:www.yahoo.com

फिर सर्च करें तो गूगल आपको याहू के ही परिणाम दिखायेगा. 2.अगर आप वो ही साइट्स सर्च करना चाहते हैं जिसके एड्रेस में आपका सम्बंधित शब्द आता है,उदाहरण के तौर पर आप hindi शब्द वाली साइट्स सर्च करना चाहते है तो सर्च बोक्स में यूं लिखेंगे- allinurl:hindi तो गूगल आपको वही साइट्स सर्च करके देगा जिनके address में hindi शब्द आता है.

3.अगर आप गूगल में सिर्फ फाइल्स सर्च करना चाहते हैं उदाहरण के लिये आप hindi शब्द से सम्बंधित pdf फाइल्स सर्च करना चाहते हैं तो सर्च बोक्स में यूं लिखेंगे- hindi filetype:pdf फिर सर्च करेंगे तो गूगल आपको आपकी सर्च की हुई pdf फाइल्स ही दिखायेगा,और आप इन को direct डाउनलोड भी कर सकते हैं.

गौ-सुषमा



                          गो-सुषमा (गाय के बारें में) 



















संस्कृत में गाय को गो कहा जाता हैं। हिन्दी में प्रेम से गौ, गऊ, गैया, गौ माता भी कहा जाता हैं
बछड़े के साथ गाय को धेनु कहते हैं, और सभी कामनाये पूरी होने से कामधेनु कहते हैं। 
सुषमा का अर्थ हैं - बहुत अधिक सुंदरता। संसार की सुंदरता (प्रेम, सुख, मिलन....) को कुरूपता (नफरत, दुख, वियोग....) में बदलते समय नहीं लगता। जो बदल जाए, उसमे कैसी सुंदरता? जो कभी बदलती नहीं, किन्तु छुपी रहती हैं और बिच - बिच में अपनी झलक दिखलाकर आकर्षित करती हैं, ईश्वर की वह सुंदरता ही सुषमा हैं, जिसके दर्शन बिना मनुष्य तृप्त नहीं होता और उसे पाने के लिए भटकता रहता हैं। 

' सुषमा की खोज ' , यही ऋषियों की देन हैं और यही मानव का लक्ष्य का हैं। 
गो - सुषमा को हमारे ऋषियों ने देखा और इस कारण उसे माँ कहा। 

गाय की कहानी :-


 गाय ने की प्राणों की रक्षा  :-

रोहित के सरल मन में उठने वाले सरल प्रश्नों से उसके मित्र परेशान थे। 
रोहित :- अरे वरुण गाय को माँ क्यों कहते हैं ?
अरुण :- बुध्दू ! इतना भी नहीं पता, गाय हमें दूध देती हैं, इससे उसे गाय माँ कहते हैं। 
(इस बात से रोहित को मजाक सूझा। 
रोहित :- यह लो दूध देने वाली भैंस भी आ गई। 
अरुण :- भैंस को माँ थोड़े ही कहा जाता हैं?
(रोहित ने फिर प्रश्न दागा)
रोहित :- क्यों  भैंस भी तो हमें दूध देती हैं? फिर उसे माँ क्यों नहीं कहते?
अरुण :- माँ का पद तो गाय को मिल गया। फिर भैंस को माँ कैसे कहेंगे 
(रोहित के मन में नया प्रश्न उठा)
रोहित :- अच्छा , भैंस को मौसी कहें तो?
( इस बात पर उनके सभी दोस्त हंस पड़े और बोले..भैंस मौसी ! हाँ..हाँ..हा..हा...)
(रोहित के प्रश्न पर सबको मजा आ गया। और बकरी को देखकर रोहित बोला)
रोहित :- बकरी माँ !  हा..हा..हा..हा.. !!!!
(और सभी हंस पड़े)
(वरुण समझ गया था की रोहित का सवाल इतना सरल नही हैं। )
रोहित :- चलो, श्रीदामा ग्वाले से पूछते हैं। 
( सभी ग्वाले के पास जाकर पूछते हैं)
वरुण :- दामू भैया ! गाय को माँ क्यों कहते हैं?
दामू ग्वाला :- इक दिन की बात हैं - मैं गाय, भैंस, बकरियों को चरा रहा था। 
की तभी अचानक एक नरभक्षी बाघ ने मुझ पर हमला कर दिया। 
और मैं चिल्लाया - बचाओ ! बचाओ ! बचाओ। 
भैंस, बकरिया तो वहा से भाग गयी, लेकिन गायों ने मुझे घेरकर उस बाघ पर हमला किया।  इसमें कुछ गायें घायल भी हुई।  
लेकिन आखिरकार उस बाघ को वहा से भागना पड़ा। 

इस कारण से गाय ने मेरी रक्षा कर दी। गाय माँ की तरह अपने प्राणों की चिंता नहीं करके हमारी रक्षा करती हैं, इसलिए हम उसे माँ कहते हैं। 

बछड़े को संस्कृत में वत्स कहते हैं। वत्स से ही बना हैं वात्सल्य अर्थात माँ का प्रेम।  
             
गाय से प्राप्त दूध, दही, घी, मक्खन, गौमूत्र, गौबर आदि हमारे लिए फायदेमंद हैं। 


(1) गाय का गोबर :- रोज खाओं दही, और सभी काम सही। 
 - गाय के गोबर को सुखाने पर थपेड़े बनते हैं - जो इसको जलाने पर ( सूखे हुए गोबर को) इसकी बची हुई राख से शरीर पर बने घाव भरने के काम आता हैं। 
- घर में गोबर की पुताई से घर सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा रहता हैं। 
- इसकी जली हुई राख घाव पर लगाईं जाती हैं। 
- इसके थपेड़ों को जलाकर धुप भी किया जाता हैं। 
- इसकी राख से मंजन भी किया जाता हैं, जिससे मुंह में बदबू नही आती और दांत भी सफेद और मजबूत होते हैं। 
- गोबर, मुल्तानी मिट्टी, हल्दी से उबटन भी बनाया जाता हैं। जो मुंह पर इसका लेप 20 मिनट लगाने से मुहांसे गायब हो जाते हैं। 

गौ- मूत्र :- गौ- मूत्र में गंगा का वास होता हैं। रोज गौमूत्र पीने से वाट-कफ दोष निवारक हैं

(2) मक्खन :- बाजार में मिलने वाला मक्खन शुद्ध नही होता हैं वह तो कच्चे दूध से निकाली गयी चिकनाई हैं, जो शरीर का मौटापा बढ़ाता हैं। शुद्ध मक्खन तो वो हैं जो सीधे दही से मथकर निकाला जाता हैं। इस शुद्ध मक्खन को खाने से दिमाक की मेमोरी तेज होती हैं। भूलने की बिमारी कम हो जाती हैं। यह दिमाक के लिए एक टॉनिक भी हैं। 

(3) घी :- गाय का शुद्ध घी खाओ और स्वस्थ रहों। बाबा रामदेव कहते हैं,कि गाय का घी नाक में डालने से आज्ञाचक्र को शक्ति मिलती हैं। इससे योग में जल्दी प्रगति होती हैं। 
सावधानी :- नाक में घी डालते समय इसका तापमान शरीर के तापमान से कुछ अधिक हो। इसे सांस के साथ खींचे नहीं, बल्कि आज्ञाचक्र के पास ही रहने दें। और 1 घंटे तक पानी नही पीये।  

(4) दही :- गाय का शुद्ध दही रोज खानें से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं
- और सुबह-सुबह खाली पेट दही पीने से पेट में किसी भी प्रकार की बिमारी नही होती, बल्कि हाजमा और आँतो को ठंडक भी मिलती हैं। 
-दही सुबह या दिन में कभी भी खाये लेकिन रात को नही खाना चाहिए क्योंकि रात में खाने से दिमाक कमजोर होता हैं। 
- दही से उबटन भी बनाया जाता हैं। 

(5) दूध :- गाय का दूध पीने से बहुत ताकत मिलती है। 
- दूध सभी भोजन का राजा भी कहलाता हैं। 
- चोट लगने पर गर्म दूध में हल्दी मिलाकर खड़े-खड़े ही पी जाएं, लाभ होगा। 
- दूध से उबटन भी बनाया जाता हैं। 
- दूध से बुद्धि तेज और मन शांत और शरीर सुडौल बनकर बजबूती भी मिलती हैं। 

(6) लस्सी :- लस्सी के गुण अस्सी। 
- रोज कोल्ड ड्रिंक पीना छोड़ दीजिये और लस्सी पीना छुरु कीजिये। 
- cold drink में फॉस्फोरिक एसिड होता हैं, जिससे हड्डिया में कमजोरी आती हैं। लेकिन लस्सी पीने से हड्डिया बहुत ही मजबूत होती हैं। 

(7) छाछ :- गाय की ताजी छाछ पीने से आलस्य नही आता। भैस की छाछ से आलस्य आता हैं। 
- रोज छाछ पीने से यकृत को ताकत मिलती से पीलिया, गुर्दे की पथरी, मोतियाबिंद नही होता, और भोजन भी अच्छी तरह से पच जाता हैं।  










गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

LiFi :- 100 गुना तेज इंटरनेट टैक्नोलॉजी :- रविन्द्र पटेल


    :-  आ गया LiFi टैक्नोलॉजी, जो WiFi से 100 गुना हैं तेज। लाइ-फाई से फुल HD फिल्म होंगी सिर्फ एक क्लिक में डाउनलोड। 


यह लोगों के लिए खास तोहफा हैं, जो जल्द ही इसका लाभ उठा सकेंगे





 लेख पढ़े :- आप कल्पना कर सकते हैं कि एक सेकेंड में तीन घंटे की मूवी डाउनलोड हो जाए! तो जनाब चौंकिए नहीं, जल्द यह सच होने वाला है. यह काम वाई-फाई नहीं बल्कि एक नई तकनीकी लाई-फाई से संभव होगा. एक ऐसी तकनीकी जो स्पीड के मामले में वाई-फाई से भी सौ गुना ज्यादा तेज होगी. इस लाई-फाई तकनीक का हाल ही में परीक्षण किया गया है और माना जा रहा है कि आने वाले वक्त में यह इंटरनेट की दुनिया का नक्शा बदलकर रख देगा. आइए जानें क्या है लाई-फाई और यह कैसे काम करता है.

क्या हैं लाई-फाई

लाई-फाई एक ऐसी वायरलेस ब्रॉडबैंड टेक्नोलॉजी है जो डेटा भेजने के लिए एलईडी का इस्तेमाल करती है और आज के वाई-फाई की तुलना में सौ गुना तेज स्पीड से काम करती है. इस तकनीक में डेटा विजिबल लाइट कम्युनिकेशन (वीएलसी) द्वारा ट्रांसफर होता है. नेटवर्क्स के बीच डेटा एलईडी लाइट्स से भेजा जाता है.

यह डेटा ट्रांसफर करने की एक नई तकनीक है और इसके लिए एक विद्युत के स्रोत, जैसे कि एक स्टैंडर्ड एलईडी बल्ब, एक इंटरनेट कनेक्शन और एक फोटो डिटेक्टर की जरूरत होती है. डेटा भेजने के लिए लाइट का प्रयोग कोई नया नहीं है. 1880 में अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (टेलीफोन के आविष्कारक) ने ऑडियो ट्रांसमिशन के लिए विजिबल लाइट का प्रयोग किया था. इस हफ्ते इसका एस्तोनिया के टालिन शहर में वेलमेनी नामक स्टार्ट-अप द्वारा परीक्षण किया गया. इस परीक्षण में लाई-फाई युक्त विद्युत बल्ब से 1 Gbps स्पीड से डेटा का ट्रांसफर किया गया. सैद्धांतिक तौर पर इसकी स्पीड 224 Gbps तक हो सकती है. इस तकनीक का परीक्षण एक ऑफिस में किया गया ताकि कर्मचारियों को इंटरनेट का ऐक्सेस मिल सके और साथ ही एक औद्योगिक क्षेत्र में भी किया गया, जहां इसने स्मार्ट लाइटिंग सॉल्यूशन उपलब्ध करवाया.

खास बात ये है कि इस स्टार्ट-अप की स्थापना एक भारतीय दीपक सोलंकी ने की है. सोलंकी ने बताया कि उनकी कंपनी वेलमेनी भले ही एस्तोनिया में रजिस्टर्ड है लेकिन उनकी पूरी टीम भारतीय है. दीपक का कहना है कि तीन से चार साल के अंदर यह तकनीक आम उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएगी.

लाई-फाई तकनीक की खोज एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेरल्ड हास ने की थी, जिन्होंने 2011 में Ted (टेक्नोलॉजी, एंटरटेंमेंट और डिजाइन) कॉन्फ्रेंस में पहली बार इस टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया था. उनके लाई-फाई से जुड़ी बातों के वीडियो को अब तक 20 लाख से ज्यादा बार देखा चुका हैं. इसमें प्रोफेसर हास ने उस भविष्य के बारे में बताया है जहां अरबों लाइट बल्ब वायरसेल हॉटस्पॉट बन सकते हैं.

लाई-फाई तकनीक का एक बड़ा फायदा यह है कि यह वाई-फाई की तरह दूसरे रेडियो सिग्नल के लिए अवरोध नहीं बनता है. इसलिए इसका इस्तेमाल हवाई जहाज जैसी उन जगहों पर किया जा सकता है जहां रेडियो सिग्नल में अवरोध की समस्या आती है. साथ ही वाई-फाई के लिए काम आने वाले रेडियो तरंगों की स्पेक्ट्रम की उपलब्धता कम है जबकि लाई-फाई के लिए इस्तेमाल होने वाले विजिबल लाइट स्पेक्ट्रम की उपलब्धता 10 हजार गुना ज्यादा है, जिसका मतलब है कि इसके निकट भविष्य में खत्म होने की संभावना काफी कम है.

लेकिन इस टेकनोलॉजी की कुछ कमियां भी हैं, जैसे इसे घर के बाहर धूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है क्योंकि सूर्य की किरणें इसके सिग्नल में बाधा उत्पन्न करती हैं. साथ ही इस टेक्नोलॉजी को दीवार के आर-पार प्रयोग किया जा सकता है इसलिए शुरुआत में इसे वाई-फाई के पूरक के तौर पर सीमित तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. खासकर अस्पतालों या संकरे शहरी इलाकों, जहां वाई-फाई का प्रयोग सुरक्षित नहीं है, वहां भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

रविन्द्र पटेल की मोबाइल अनलॉक ट्रिक्स आजमाएं



   

अगर आप सैमसंग स्मार्ट फोन का पैटर्न लॉक भूल गए हैं, तो इस ट्रिक के द्वारा अनलोक करें।




          samsung smartphone

अगर आपके पास हैं samsang smartphone तो आप पैटर्न लॉक या नंबर लॉक ज़रूर लगाते होंगे। लेकिन कभी अगर आप पासवर्ड भूल गये और recovery password भी भूल गए तो ऐसे समय में आपको   रिपेयरिंग वाले को मोबाइल देके बनवाना पड़ता होगा जबकि ये बहुत ही आसान हैं। आपको अपना Hard reset करना होगा। जो आप खुद ही घर पर कर सकते है। और आपका पैसा समय दोनों बाख जायेगा। तो चलिए देखते है क्या स्टेप अपनाने होंगे इसके लिए।

1) सबसे पहले मोबाइल फोन को स्विच ऑफ करें।

2) उसके बाद फोन के पावर बटन के साथ वॉल्यूम अप/वॉल्यूम डाउन बटन का इस्तेमाल करें। मतलब दोनों बटन दबाके रखें। 

3) कुछ सेकेंड के उपरांत रिबूट का ऑप्शन दिखेगा।

4) यहां डिलीट ऑल यूजर डाटा ऑप्शन दिखेगा। उस पर क्लिक करने पर फोन का सारा डाटा डिलीट तो होगा ही किंतु आपकी समस्या का समाधान भी हो जाएगा।


मोबाइल गाइड



   ( मोबाइल के बारे में ऐसी जानकारियां शायद आप भी नही जानते होंगे ) आप भी आजमाकर देख लें। 


इमरजेंसी नम्बर ------
दुनिया भर में मोबाइल का इमरजेंसी नंबर 112 है । अगर आप मोबाइल की कवरेज एरिया से बाहर हैं तो 112 नंबर द्वारा आप उस क्षेत्र के नेटवर्क को सर्च कर लें . ख़ास बात यह हैकि यह नंबर तब भी काम करता है जब आपका कीपैड लौक हो !

मोबाइल की  बैटरी लॉ हो जानें पर यह ट्रिक अपनाएँ -----

मोबाइल जब बैटरी लो दिखाए और उस दौरान जरूरी कॉल करनी हो , ऐसे में आप *3370# डायल करें , आपका मोबाइल फिर से चालू हो जायेगा और आपका सेलफोन बैटरी में 50 प्रतिशत का इजाफा दिखायेगा ! मोबाइल का यह रिजर्व दोबारा चार्ज हो जायेगा जब आप अगली बार मोबाइल को हमेशा की तरह चार्ज करेंगे !

मोबाइल चोरी होने पर-मोबाइल फोन चोरी होने की स्थिति में सबसे पहले जरूरत होती है , फोन को निष्क्रिय करने की ताकि चोर उसका दुरुपयोग न कर सके । अपनेफोन के सीरियल नंबर को चेक करने के लिए *#06# दबाएँ . इसे दबाते हीं आपकी स्क्रीन पर 15 डिजिट का कोड नंबर आयेगा . इसे नोट कर लें और किसी सुरक्षित स्थान पर रखें . जब आपका फोन खो जाए उस दौरान अपने सर्विस प्रोवाइडर को ये कोड देंगे तो वह आपके हैण्ड सेट को ब्लोक कर देगा !


कार की चाभी खो जाने पर यह ट्रिक आजमाएं -----

अगर आपकी कार की रिमोट केलेस इंट्री है और गलती से आपकी चाभी कार में बंद रह गयी है और दूसरी चाभी घर पर है तो आपका मोबाइल काम आ सकता है ! घर में किसी व्यक्ति के मोबाइल फोन पर कॉल करें ! घर में बैठे व्यक्ति से कहें कि वह अपने मोबाइल को होल्ड रखकर कार की चाभी के पास ले जाएँ और चाभी के अनलॉक बटन को दबाये साथ ही आप अपने मोबाइल फोन को कार के दरवाजे केपास रखें , दरवाजा खुल जायेगा ! है न विचित्र किन्तु सत्य ?

मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

अनार की बागवानी या खेती







         सांचोर के गावों में किसान कर रहे हैं "अनार "


 जालोर जिले के मुकाबले सांचोर के केवल दाता गाव में हो ही हैं, अनार।  



क्षेत्रमें नर्मदा नहर आने से पहले किसानों की हालत दयनीय थी,बरसात पर निर्भर रहने वाले सांचौर उपखंड के किसानों को पारंपरिक खेती के दौरान कभी मौसम के साथ नहीं देने से तो कभी ज्यादा बरसात से पकी पकाई फसल खराब हो जाती थी। ऐसे में खर्चे तो दूर बीज के पैसे चुकाने जितनी भी कीमत नहीं मिलती थी। इसके बाद नर्मदा नहर आने से कुछ क्षेत्रों में सीजनल खेती से हालात थोड़े थोड़े सुधरने लगे। जिसपर किसानों ने खेती के साथ नई इजाद होने वाली तकनीक को अपनाना शुरू किया और फसल की पूरी कमाई लेने लगे। इसके इतर दाता गांव के पांच किसानों ने महाराष्ट्र गुजरात के खेतों में बूंद बूंद सिंचाई के जरिए बागवानी खेती का नया प्रयोग देख अपने खेत में अनार के बगीचे लगाए। इसका परिणाम अच्छा रहा पौधों के फल देने की स्थिति में आने पर साल में दो बार उपज लेने लगे। शुरू शुरू में तो उन्होंने प्रयोग के तौर पर मात्र 25 हैक्टेयर में अनार के बगीचे लगाए परिणाम अच्छा आने पर बगीचों का विस्तार करते हुए इस समय पूरे गांव में करीब 70 से 80 खेत हैं जहां किसानों ने अपने खेतों में कुल 125 से 150 हैक्टेयर में अनार के बगीचे लगा करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं। 











कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार क्षेत्र के किसान खेती में आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने लगे हैं। वहीं जिले की बागवानी खेती का बड़ा भू-भाग सांचौर क्षेत्र में तैयार होता हैं, कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार पूरे जिले में दो सौ हैक्टेयर में अनार की खेती की जाती हैं। जिसमें अकेले सांचौर उपखंड क्षेत्र में करीब 150 हैक्टेयर में अनार की खेती की जा रही हैं। क्षेत्र के दाता, हाडेतर, पथमेड़ासांकड, 
पांचला, विरोल, प्रतापपुरा, लालपुर, कोड, अचलपुर, सीलू, हालीवाव, रणोदर तथा बिछावाड़ी ग्राम पंचायतों में बूंद बूंद सिंचाई से अनार की खेती हो रही हैं। जो किसानों की आमदनी का अच्छा जरिया बनी हुई हैं। इसको देखते हुए क्षेत्र में बाकी के किसानों का रूख भी अब बागवानी खेती की ओर बढ़ने लगा हैं। 



चार राज्यों के व्यापारी खरीदने आते हैं अनार 

क्षेत्रमें अनार की बंपर पैदावार के चलते यहां के अनार की सिंदूरी किस्म की अन्य राज्यों में अच्छी मांग रहती हैं। खासकर गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी कोलकाता के व्यापारी सांचौर में अनार खरीदने आते हैं। 

अनार उपज की गणित 

अनारकी साल में दो बार पैदावार होती है पहली मई-जून तथा दूसरी पैदावार नवंबर-दिसंबर में आती हैं।अनार की कलम रोपने के साथ ही 28 महीने के दौरान जब पौधा बड़ा होने लगता है तो पहली पैदावार शुरू हो जाती हैं। इस दौरान एक अनार के पौधे से करीबन 70 से 80 अनार उतरते हैं। एक अनार का औसतन वजन 300 ग्राम तक होता हैं, प्रति अनार के पौधे पर 22 किलो तक अनार होती हैं। 

दाता गांव में शुरू शुरू में पांच किसानों ने प्रायोगिक तौर पर अपने खेत में अनार के बगीचे लगाए थे। परिणाम सुखद आने पर इन किसानों ने जहां अनार के बगीचों का एरिया बढ़ाया, वहीं इनके देखादेखी बाकी किसानों ने भी अपने खेत में अनार के बगीचे लगाने शुरू कर दिए। पूरे जिले में उत्पादन बागवानी खेती में दाता गांव में जिले भर में होने वाली अनार की खेती के बराबर एक गांव में खेती की जा रही है। जालोर जिले में गत वर्ष के आंकड़ों के अनुसार 150 हेक्टयेर में अनार की बुवाई की थी। जिसमें से वर्तमान में अकेले दाता गांव में किसानों की ओर से करीब 125-150 हैक्टेयर में अनार के बगीचे तैयार किए हैं। जबकि इससे पूर्व वर्ष 2010 में मात्र पांच किसानों ने 25 हैक्टेयर में ही अनार की खेती शुरू की थी। नकदी फसल के रुप में लाखों रुपए की आमदनी होने पर गांव के बाकी किसान भी अनार की खेती में रुचि दिखाने लगे। जिससे पहले जहां पारंपरिक खेती करने के दौरान उसी जमीन से किसान को भरपूर मेहनत के बाद करीब लाख से डेढ़ लाख के बीच आमदनी होती थी। अब खेत के मात्र एक हैक्टेयर से 8 से 10 लाख रुपए कीमत की अनार पैदा होती हैं। जबकि उसी खेत में पारंपरिक खेती से एक से डेढ़ लाख तक की आमदनी होती थी। नर्मदा नहर से वंचित क्षेत्र में रायड़ा अरंडी की पैदावार होती हैं, ऐसे में यदि वहां अनार के बगीचे तैयार किए जाए तो किसानों की आमदनी बढ़ सकती हैं। 





                          

सांचौर :- क्षेत्र के दाता गांव में एक खेत में रोपे गए अनार के पौधे।






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टंकी तथा पाईप से प्रश्न



***       टंकी तथा पाईप से सम्बंधित प्रश्न और हल   ***

धयान दे :- इस उदाहरण प्रश्नों में जो स्टार(*) का चिन्ह दिया गया हैं, उसका मतलब गुना (×) करना होता हैं।



:- टंकी तथा पाईप पाइप तथा टंकी से संम्बन्धित प्रश्नों को हल करने से पुर्व हम इसके बारे में कुछ बेसिक बाते पता होनी चाहिए 

:- जैसे टंकी में पानी भरने के लिए नल हमेशा उपर की और लगा होता है तथा खाली करने के लिए टंकी की तली में लगा होता है। 

:- यदि एक पाइप एक टंकी को 5 घंटे में भरता है तो एक घन्टे में भरेगा 1/5 भाग।
:-  इसी प्रकार यदि एक पाइप एक घंटे में टंकी का 1/5 भाग भरता है तो पुरी टंकी भरने में समय लगेगा 5 घन्टे। 

:- यदि एक पाइप एक टंकी को 6 घंटे में खाली करती है तो एक घन्टे में खाली करेगी 1/6 भाग। 

:- इसी प्रकार यदि एक पाइप एक घंटे में 1/6 भाग खाली करती है तो पुरी टंकी खाली होने में समय लगेगा 6 घन्टे। 

:- अब यदि एक पाइप एक घन्टे में 1/5 भाग भरती है तथा दुसरी पाइप एक घन्टे में 1/6 भाग पानी खाली करती है।

:-  तो एक घन्टे में भरा गया पानी = 1/5-1/6 = (6-5)/30 = 1/30 भाग 

:- इस प्रकार पुरी टंकी को भरने में 30 घन्टे लगेंगे। 

उदाहरण (1)

यदि एक नल एक टंकी को 6 घन्टे में तथा दुसरा नल उसी टंकी को 3 घन्टे में भरता है तो दोनों मिल कर उसे कितनी देर में भर देंगे। 

हल:- पहला नल एक घन्टे में भरता है = 1/6 भाग
 दुसरा नल एक घन्टे में भरता है = 1/3 भाग 
दोनों मिल कर एक घन्टे मेें भरते हैं 1/6+1/3 = 9/18 
टंकी को पुरा भरने में समय लगेगा 18/9  = 2 घन्टे। 

उदाहरण (2)

यदि एक नल एक टंकी को 6 घन्टे में भरता है तथा दुसरा नल उसी टंकी को 9 घन्टे में खाली करता है। यदि दोनों नलों को एक साथ खोल दिया जाये तो टंकी को पुर्ण भरने में कितना समय लगेगा। 

हल:- पहला नल 1 घन्टे में भरता है = 1/6 भाग 
दुसरा नल 1 घन्टे में खाली करता है = 1/9 भाग 
दोनों नलों को एक साथ खोलने पर 1 घन्टे में टंकी भरेगी(एक नल उसे 1/6 भाग प्रति घन्टे की दर से भरेगा
 तथा दुसरा उसे 1/9 भाग प्रति घन्टे की दर से खाली करेगा) = 1/6-1/9 = (9-6)/54  = 3/54
 अतः टंकी को पुर्ण रूप से भरने में 54/3 घन्टे
 यानि 18 घन्टे । 

उदाहरण (3)

यदि एक नल एक टंकी को 12 घन्टे में भरता है।यदि एक दुसरे नल को खोल दिया जाये जो कि पानी को बाहर निकालता है। तो टंकी को भरने में 18 घन्टे लग जाते हैं। पुर्ण भरने पर टंकी को खाली होने में कितना समय लगेगा। 

हल:- एक घन्टे में नल भरता है = 1/12 भाग
 जब दुसरा नल खुला हो तो 1 घन्टे में भरता है = 1/18 भाग 
अतः एक घन्टे में खाली होता है 1/12-1/18= (3-2)/36 = 1/36 भाग पुर्ण खाली होने में लगा समय 36 घन्टे। 

उदाहरण (4)

एक टंकी को दो नल क्र. 4 घन्टे और 5 घन्टे में भर सकते हैं। एक तीसरा नल जो की टंकी के पैंदे में लगा है। उस टंकी को 2 घन्टे में खाली कर सकता है। अब यदि तीनों नलों को 9 बजे,10 बजे और 11 बजे के अन्तराल पर खोला जाये तो टंकी को खाली करने में कितना समय लगेगा। 

हल:- सुविधा के लिए माना टंकी 60 लीटर की है
(आप इसे x भी मान सकते हैं या कुछ और 60 लीटर सुविधा की दृष्टि से माना गया है ताकि 4 घन्टे में 60 लीटर भरता है
 तो 1 घन्टे में 15 ली. 
इसी प्रकार 5 घन्टे में 60 लीटर भरता है 
तो 1 घन्टे में 12 लीटर) 
पहला नल 1 घन्टे में भरता है = 15 ली. 
दुसरा नल 1 घन्टे में भरता है = 12 ली. 
दानों मिलकर एक घन्टे में भरते हैं 15+12 = 27 ली.
 तीसरा नल 1 घन्टे में खाली करता है 30 ली. 
पहला नल 9 बजे से 11 बजे तक 2 घन्टे में पानी भरेगा = 30 ली. 
दुसरा नल 10 बजे से 11 बजे तक 1 घन्टे में पानी भरेगा =12 ली. 
11 बजे तक टंकी में कुल Store पानी 30+12 = 42 ली. 
11 बजे तीसरा नल भी खोल दिया जाता है जो की 30 ली. पानी हर घन्टे निकालता है 
तथा दानों नल 27 ली. पानी टंकी में डालते हैं 
तो कुल(30-27) 3 ली. पानी टंकी से हर घन्टे निकाला जाता है 
और Store किया गया पानी 42 ली. है 
तो पानी को निकालने में लगा समय = 42/3   = 14 घन्टे होगा






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